हिन्दीअपनीवर्तमानस्थितिकोकईआन्दोलनोंऔरसुविचारितप्रयत्नोंकेद्वारापहुँचपायीहै।मैंइसकीवर्तमानस्थितिसेसंतुष्टनहींहूँकिन्तुमुझेइसकाभविष्यबहुतउज्ज्वलदिखाईपड़रहाहै।मेरामाननाहैकि'भाग्यमेंलिखा'जैसाकुछनहींहोताबल्किकोईघटनायाकार्यतभीहोताहैजबउसकेलियेआवश्यकप्रयत्नकियेजाँय।अतःहिन्दीकाभविष्यभीअपनेआपयाभाग्यकेसहारेउज्ज्वलनहींहोनेवाला, इसकेलियेप्रयत्नकरनेहोंगे।
सुअवसरआतेरहतेहैं, हमेसुअवसरकोपहचाननाहोगाऔरउसकेअनुसारकामकरनाहोगा।विकिपीडियाइसीप्रकारकासुअवसरहैजिसकासमुचितउपयोगकरहिन्दीकोनवजागृतकियाजासकताहै।जोअबतककभीसोचाभीनहींगयाथा, वहअबसम्भवहै।
हिन्दीकापिछलाजागरणसौ-सवासौसालपहलेआयाथाजबभारतमेंभीप्रिंटिंगप्रेसआया।हिन्दीमेंपत्र-पत्रिकाओं, यशस्वीपत्रकारों, साहित्यकारोंकीबाढ़आगयीथी।हिन्दीमेंअजीबस्फूर्तिआयीथी।हिन्दीनेअपनाविकासकरतेहुए'भारतकेस्वतंत्रताआन्दोलनकीभाषा'केरूपमेंभूमिकाअदाकीऔरदेशकेकर्नधारोंनेइसेराष्ट्रभाषाकाअधिकारीमानाऔरइसेवहस्थानभीदियागया। (किन्तुबादमेंविदेशीहाथोंमेंखेलनेलेसत्तानेषडयंत्रपूर्वकक्रमशःउसकायहअधिकारकमकियाऔरकमकरतेगये।)
जनताकीभाषाजबज्ञान-विज्ञानकेप्रसारकामाध्यमबनतीहैतोउसकाविकासहोताहैऔरउसकाविकासहोनेसेज्ञान-विज्ञानकीवृद्धिहोतीहै।जिसप्रकारपुस्तकोंकेप्रकाशनकेबादयूरोपमेंवैज्ञानिकक्रांतिसम्भवहुईउससेअधिकसम्भावनाभाषाईविकियों (जैसेहिन्दीविकी) मेंहै।पुस्तकोंकीअपेक्षाइसमेंअनेकअपूर्वगुणहैं।यहकभीबासीनहींहोगी; इसमेंकोईभी, कभीभी, कहींसेभीयोगदानकरसकेगा ; इसमेंनकेवलविद्वानलिखेंगेबल्किविद्यार्थी, किसान, जवान, शिल्पी, वकील, अध्यापक, इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, समाजसेवी, धर्मसेवी, राजनेताआदिभीलिखेंगे।इसमेंलिंकिंगकीजोअद्भुतक्षमताहैवहपुस्तकोंमेंनहींहै; इसमेंखोजन (सर्च) कीक्षमतापुस्तकोंमेंखोजनेकीक्षमताकेसैकड़ोंगुनाबेहतरहै; इसकोवितरितकरना (शेयरिंग), बहुगुणितकरनाबहुतआसानऔरबहूपयोगीहै।इसमेंलिखनेसेचीजेंअमरबनजातींहैं - यदिवेउपयोगीहैंतोसदासबको उपलब्ध होंगी।
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हिन्दीकापिछलाजागरणसौ-सवासौसालपहलेआयाथाजबभारतमेंभीप्रिंटिंगप्रेसआया।हिन्दीमेंपत्र-पत्रिकाओं, यशस्वीपत्रकारों, साहित्यकारोंकीबाढ़आगयीथी।हिन्दीमेंअजीबस्फूर्तिआयीथी।हिन्दीनेअपनाविकासकरतेहुए'भारतकेस्वतंत्रताआन्दोलनकीभाषा'केरूपमेंभूमिकाअदाकीऔरदेशकेकर्नधारोंनेइसेराष्ट्रभाषाकाअधिकारीमानाऔरइसेवहस्थानभीदियागया। (किन्तुबादमेंविदेशीहाथोंमेंखेलनेलेसत्तानेषडयंत्रपूर्वकक्रमशःउसकायहअधिकारकमकियाऔरकमकरतेगये।)
जनताकीभाषाजबज्ञान-विज्ञानकेप्रसारकामाध्यमबनतीहैतोउसकाविकासहोताहैऔरउसकाविकासहोनेसेज्ञान-विज्ञानकीवृद्धिहोतीहै।जिसप्रकारपुस्तकोंकेप्रकाशनकेबादयूरोपमेंवैज्ञानिकक्रांतिसम्भवहुईउससेअधिकसम्भावनाभाषाईविकियों (जैसेहिन्दीविकी) मेंहै।पुस्तकोंकीअपेक्षाइसमेंअनेकअपूर्वगुणहैं।यहकभीबासीनहींहोगी; इसमेंकोईभी, कभीभी, कहींसेभीयोगदानकरसकेगा ; इसमेंनकेवलविद्वानलिखेंगेबल्किविद्यार्थी, किसान, जवान, शिल्पी, वकील, अध्यापक, इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, समाजसेवी, धर्मसेवी, राजनेताआदिभीलिखेंगे।इसमेंलिंकिंगकीजोअद्भुतक्षमताहैवहपुस्तकोंमेंनहींहै; इसमेंखोजन (सर्च) कीक्षमतापुस्तकोंमेंखोजनेकीक्षमताकेसैकड़ोंगुनाबेहतरहै; इसकोवितरितकरना (शेयरिंग), बहुगुणितकरनाबहुतआसानऔरबहूपयोगीहै।इसमेंलिखनेसेचीजेंअमरबनजातींहैं - यदिवेउपयोगीहैंतोसदासबको उपलब्ध होंगी।