हिन्दी में शिक्षण एवं विचार-विनिमय को बढ़ावा देने की विशेष पहल के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालयकी स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है। मेरा विचार है कि इस विश्वविद्यालय में अन्य विषयों के साथ-साथ 'भारतीय भाषा कम्प्यूटरी' (Indic computing) का भी पाठ्यक्रम आरम्भ हो जिससे इसकी उपादेयता और भी बढ़ जाएगी। इसमें-
*कम्प्यूटर एवं अन्य डिजिटल युक्तियों पर हिन्दी लिखना/पढ़ना,
*हिन्दी के विभिन्न कोश बनाना एवं उनका उपयोग करना,
*देवनागरी में लिखी सामग्री को पुराने फॉण्टों से यूनिकोड एवं यूनिकोड से देवनागरी में बदलना,
*देवनागरी से अन्य लिपियों में तथा अन्य लिपियों से भारतीय लिपियों में परिवर्तन करने वाले प्रोग्राम बनाना एवं उनका उपयोग करना
* भारतीय भाषाओं को आपस में अनुवाद करने वाले प्रोग्राम लिखना
* हिन्दी में वेबसाइट बनाना
* प्रसिद्ध मुक्तस्रोत प्रोग्रामों का स्थानीकरण (लोकलाइजेशन)
* हिन्दी के लिए टीटीएस, स्पीच-टू-टेक्स्ट, ओसीआर, आदि का परिचय और उपयोग
* हिन्दी विकिपीडिया में योगदान
* हिन्दी/देवनागरी के संसाधन के लिए उपयोगी औजारों से परिचय
आदि की शिक्षा दी जाय।
इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय अपना खुद का हिन्दी कोश आरम्भ करे जो विकि से चले। अर्थात् इसमें कोई भी कुछ लिख सके। धीरे-धीरे यह उत्तम विश्वकोश बन जाएगा। पहले जो काम 'हिन्दी ग्रन्थ अकादमियों' से कराने का सोचा गया था उसे वर्तमान समय में सफलता पूर्वक पूरा करने का रास्ता विकि ही है। हमें अपने देशवासियों में आत्मविश्वास जगाना होगा और उन्हें लिखने के लिए प्रेरित करना होगा। यह काम बहुत आसानी से हो जाएगा।
*कम्प्यूटर एवं अन्य डिजिटल युक्तियों पर हिन्दी लिखना/पढ़ना,
*हिन्दी के विभिन्न कोश बनाना एवं उनका उपयोग करना,
*देवनागरी में लिखी सामग्री को पुराने फॉण्टों से यूनिकोड एवं यूनिकोड से देवनागरी में बदलना,
*देवनागरी से अन्य लिपियों में तथा अन्य लिपियों से भारतीय लिपियों में परिवर्तन करने वाले प्रोग्राम बनाना एवं उनका उपयोग करना
* भारतीय भाषाओं को आपस में अनुवाद करने वाले प्रोग्राम लिखना
* हिन्दी में वेबसाइट बनाना
* प्रसिद्ध मुक्तस्रोत प्रोग्रामों का स्थानीकरण (लोकलाइजेशन)
* हिन्दी के लिए टीटीएस, स्पीच-टू-टेक्स्ट, ओसीआर, आदि का परिचय और उपयोग
* हिन्दी विकिपीडिया में योगदान
* हिन्दी/देवनागरी के संसाधन के लिए उपयोगी औजारों से परिचय
आदि की शिक्षा दी जाय।
इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय अपना खुद का हिन्दी कोश आरम्भ करे जो विकि से चले। अर्थात् इसमें कोई भी कुछ लिख सके। धीरे-धीरे यह उत्तम विश्वकोश बन जाएगा। पहले जो काम 'हिन्दी ग्रन्थ अकादमियों' से कराने का सोचा गया था उसे वर्तमान समय में सफलता पूर्वक पूरा करने का रास्ता विकि ही है। हमें अपने देशवासियों में आत्मविश्वास जगाना होगा और उन्हें लिखने के लिए प्रेरित करना होगा। यह काम बहुत आसानी से हो जाएगा।